Anti Paper Leak Law: शुक्रवार, 21 जून 2024 आधी रात को देश में एंटी पेपर लीक कानून (Anti Paper Leak Law) 2024 लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य पेपर लीक जैसे अपराधों से निपटना था। इस कानून को देश में चल रहे नीट यूजी विवाद के बाद लागू किया गया है। आइए यह कानून क्या है और किन परीक्षाओं पर लागू होता है समझते हैं।
अब तक केद्र सरकार और जांच एजेंसियों ने नकल और अन्य गड़बड़ियों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कानून नहीं बनाया है। इसलिए अक्सर पेपर लीक होते रहते हैं। नीट परीक्षा हाल ही में चर्चा में है।यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन होने के एक दिन बाद ही रद्द कर दिया गया। 21 जून की रात को कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इस कानून को जारी किया।
Anti Paper Leak Law परीक्षा में गड़बड़ी और हेराफेरी पर सख्त कानून
सरकार ने भारती और प्रवेश परीक्षाओं में हेराफेरी और गड़बड़ी पर नियंत्रण लगाने के लिए नया कानून बनाया है। पेपर लीक विवादों के बीच, सरकार ने लोक परीक्षा अधिनियम 2024 बनाया, जो दोषी पाए जाने पर कठोर सजा देगा।
Anti Paper Leak Law की मुख्य विशेषताएं
लोक परीक्षा अधिनियम 2024 के तहत शामिल परीक्षाएं निम्नलिखित हैं:
यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड, आईबीपीएस, एनटीए द्वारा आयोजित सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन जेईई, नीट और सीयूईटी परीक्षाएं आदि।
Anti Paper Leak Law सजा और जुर्माना
इस अधिनियम के तहत, किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हेराफेरी पर अधिकतम 10 वर्ष की कैद और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसमें सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।
न्यूनतम और अधिकतम सजा
- न्यूनतम सजा: 3 से 5 साल की कारावास
- अधिकतम सजा: 5 से 10 साल की कारावास
- आर्थिक लाभ के लिए फर्जी परीक्षा आयोजित करने पर: 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना
धारा 3 के तहत सूचीबद्ध कार्य
धारा 3 में कम से कम 15 कार्यों को सूचीबद्ध किया गया है, जिन्हें अनुचित साधनों का उपयोग माना गया है। इन कार्यों में शामिल हैं:
- प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी का लीक करना: परीक्षार्थी की मदद के उद्देश्य से।
- ओएमआर शीट या उत्तर पुस्तिकाओं को बिना अधिकार के कब्जे में लेना।
- परीक्षा वाले कंप्यूटर नेटवर्क या उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करना।
- फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना।
- परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को जवाब उपलब्ध कराना।
- ओएमआर शीट या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ करना।
- आर्थिक लाभ के लिए फर्जी परीक्षा आयोजित करना।
- दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करना।
- सीटिंग अरेंजमेंट में गड़बड़ी करना।
- प्रश्न पत्र या आंसर-की लीक करने में शामिल होना।
- परीक्षा में अनधिकृत सहायता प्रदान करना।
- मूल्यांकन में बिना अधिकार के परिवर्तन करना।
- सुरक्षा उपायों का उल्लंघन करना।
- एग्जामिनेशन अथॉरिटीको धमकाना।
- गोपनीय जानकारी को समय से पहले सार्वजनिक करना।
Anti Paper Leak Law की आवश्यकता
इससे पहले, पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी पर नियंत्रण के लिए कोई विशेष कानून नहीं था। इससे छात्रों और परीक्षार्थियों में असुरक्षा और अविश्वास की भावना उत्पन्न होती थी। नए कानून का उद्देश्य इस प्रकार की घटनाओं को रोकना और परीक्षाओं की निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है।
Anti Paper Leak Law का प्रभाव
लोक परीक्षा अधिनियम 2024 के लागू होने से सरकारी भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी। इससे न केवल परीक्षार्थियों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगेगा।
Anti Paper Leak Law Update
लोक परीक्षा अधिनियम 2024 भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में सहायक होगा। इस कानून के तहत कठोर सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान करके सरकार ने यह संदेश दिया है कि परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और हेराफेरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे परीक्षार्थियों को निष्पक्ष माहौल मिलेगा और उनका भविष्य सुरक्षित होगा।
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